हरा हरा देखने वाले फ़िसल कर गिरे।
सफेद सफेद नजर आए बादल घिरे।।
रखते अगर होश कीचड़ में न गिरते।
चेहरा खराब हुआ बदबू मे रहे घिरे।।
मंजिल मिलने में देरी बहुत लगती है।
राही न छूटता तो खुशबू से रहते घिरे।।
तरह तरह के रंगो से मुलाकात करते।
रंग बिरंगी तकदीर में 'उपदेश' रहे घिरे।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद