सड़क किनारे एक पंचर वाला है
वह बिल्कुल सीधा सादा और भोला भाला है
जिसकी साइकिल पंचर हो वह वहीं जाता है
अपनी साइकिल उसको ही हर कोई दिखाता है
पंचर वाला साइकिल देख हंस कर बोलता है
साइकिल की टायर ट्यूब फिर वह खोलता है
सब से पहले वह भैय्या ट्यूब में हवा भरता है
बहुत जल्दी जल्दी काम अपना करता है
अगर ट्यूब पंचर हो रबर उस पर लगाता
रुपए पैसे इस तरह वह मजे से कमाता
रुपए पैसे इस तरह वह मजे से कमाता.......
----नेत्र प्रसाद गौतम