पढ़ने का मजा और है, लिखने का मजा और
कहने का मजा और है ,सुनने का मजा और II
हर शख्स की होती हैँ अलग जीने की अदाएं
जीने का मजा और है, मरने का मजा और II
हम चाहते हैं जमाना रहे मेरे हुक्म का गुलाम
ये अपनी रजा और है , उस रब की रजा और II
होता है हरेक खेल यहां तकदीर के हाथों खुद
क्यूं अपनी सजा और, क्यूँ उसकी सजा और II