गुम यहां तो हो गए अपने ही घर में बस
अजनबी से हो गए अपने ही घर में बस
आसमां में उड़ने की सदा बात करते थे
खुद जमीं वे हो गए अपने ही घर में बस
ऐसी खुशियां देख के आंसू निकल पड़े
बेज़ुबाँ सब हो गए अपने ही घर में बस
जिंदगी तुझसे मिली जो वो भीख खो गई
सब ज़माने खो गए अपने ही घर में बस
दास किस्मत में लिखा तो मिटता है कब
इंसा दिन से हो गए अपने ही घर में बस II