जिसे ऊंगली पकड़ चलना सिखाया माँ-बाप ने
वही ऊँगली उन्हीं पर अब उठाते हैं अपने हीं बच्चे
तुतलाना ठीक कर बोलना सिखाते हैं जो
उन्हें हीं अब चुप रहने को बोलते हैं बच्चे
वो अपना सब न्योछावर कर बनाते हैं क़ाबिल
उन्हें हीं करते हैं रूसवा तथाकथित योग्य बच्चे
अपनी ज़मीन बेच सवांरते हैं भविष्य जिसका
भविष्य में उन्हें हीं वृद्धाश्रम पहुँचाते हैं अपवादित बच्चे
दोजख़ में भी नहीं मिलेगी पनाह उनको
जो हैं अपने माँ-बाप के प्रति अमर्यादित बच्चे

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




