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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अपना लगा है तू - अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'

अपना लगा है तू को बागी बानी स्टूडियोज द्वारा स्वरबद्ध किया गया है, आपके सामने प्रस्तुत है,
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सभी को सादर प्रणाम 👏👏






अपना लगा है तू
हाथ बढ़ाया है

तुझको पता है
सीने से लगाया है

सीने से लगाकर तुझे
दिल मैं बसाया है

मेरे ये जो नगमे हैं
मेरी यह जो बातें हैं

उनसे हसीन तो
सपनो की रातें हैं

सपने सुहाने थे
तेरे दीवाने थे

जगमग जगमग
सपनो की रातों मैं

हर पल रहता था
तेरी ही बाँहों मैं

बाहें थी तेरी
छाँव हो पीपल की
नदिया की धारा हो

बहती हुई सी
कोई मस्त हवा हो जैसे

घुमड़ घुमड़ के
गाये बादल

रिमझिम रिमझिम
बरखा बरसे हो

टिप टिप गिरती
ओस की बूँदे

धुआं धुआं सा
छाये कोहरा

कोहरे में देखूँ तो
कुछ भी न दिखता है
एक तेरा चेहरा है
एक तेरी बातें हैं

आँखों मैं समाया चेहरा
और गूंजे हैं बातें
कानों में मेरे
बिजली के जैसे

उजली हुई सी धुप के जैसे
मखमली बदन तेरा चमके है

चाँद भी जैसे शर्माता है
देखके गोरा चेहरा तेरा

नजरो की बातें हैं
नजरे ही जाने हैं
दिल भी तो तुझको
अपना ही माने है

नजरे मिली हैं तेरी
ख्वाब बुने हैं मेने

आती हो जैसे ख्वाबों में मेरे

घर पे भी आओ इन्तजार है
हमको सनम तुमसे ही प्यार है
हमको सनम तुमसे ही प्यार है

----अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

👏👏👏👏👏👏👌👌

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय Mam, का बहुत बहुत आभारी हूँ, प्रणाम स्वीकार करें

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना आदरणीय पचौरी सर। मन आनन्दित हो गया। 👌👌🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Adarneey Yadav Sir ji ko Saadar pranam sahit bahut bahut abhar 🙏🙏

मोहन कुमार said

Bahut pyara lyrics aur awaz, shandar sangeetmay prastuti, congratulations sir

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय कुमार सर जी को सादर प्रणाम सहित प्रतिक्रिया के लिए एवं गीत को सुनने के बाद समीक्षा देने के लिए तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ 🙏🙏

सुप्रिया साहू said

बहुत सुंदर एवं लाज़वाब गीत संगीत सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय सुप्रिया Mam, को सादर प्रणाम सहित प्रतिक्रिया के लिए एवं गीत को सुनने के बाद समीक्षा देने के लिए तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ 🙏🙏

पवन कुमार "क्षितिज" said

बहुत ऊंचे दर्जे का काम किया है आपने..अभिनंदन 👌👌👏👏✅

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय क्षितिज सर जी आपकी प्रतिक्रिया निश्चित ही ऊर्जा देती है, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

अति सुन्दर रोमांटिक गीत लिखा है अशोक जी। गीत शानदार, संगीत शानदार, प्रस्तुति जानदार वाह दिलो-दिमाग पर छा जाने वाली खूबसूरत गीत। बहुत बहुत बहुत बधाई।👌👌👌🌹🌹🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय सोनवानी सर जी का हार्दिक आभार एवं सादर प्रणाम, अपार प्रसन्नता हुयी कि सर जी ने गीत को सुना एवं इतनी सुन्दर समीक्षा देने के लिए तहेदिल से शुक्रगुजार हूँ

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

अशोक जी इस गीत को अपने कालर ट्यून में सेव करूंगा।❤️❤️🙏🌹

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

मेरा सौभाग्य आदरणीय सोनवानी सर जी, सादर प्रणाम 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

पचौरी जी काफी दिनों बाद आकर आपने हमारा इंतजार खत्म किया है, शायद रिकार्डिंग में व्यस्त रहे हों।

वन्दना सूद said

हर राह पर जो चलना सीख जाए , वो आप हैं
हर राह को जो जीतना सीख जाएँ, वो आप हैं
ये कोई प्रशंसा नहीं,हकीकत है
जो आपके हर बढ़ते कदम के लिए सराहना है 👏👏👌👌👍

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय Mam, को सादर प्रणाम करते हुए आभार व्यक्त करता हूँ, आपके सानिध्य एवं मार्गदर्शन के बिना कुछ भी संभव नहीं है

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