मेरा हर एक गीत तेरे नाम होगा,
तू अगर कहे सुबह को शाम तो वो शाम होगा..!
तेरी हर एक बात मुझे कुबूल होगी,
तू मेरी आसमां का इकलौता आफताब होगा..!
तेरे होने से होगा नूर मुझमें,
तेरे होने से दिल मेरा आबाद होगा..!
तू होगी तो होंगे हज़ार सपने,
तेरे होने से पूरा मेरा हर ख़्वाब होगा..!
तू होगी तो होगा वजूद ए जिंदगी,
तेरे होने से मेरा क़िरदार होगा..!
तू होगी तो खिलेंगे फूल मेरे भी आंगन में,
तेरे होने से जीवन मेरा बहार होगा..!
तू होगी तो फूटेंगे प्रेम मेरे भी मन में,
तेरे होने से चाहत हमें बेशुमार होगा..!
तू ही मेरी मंज़िल होगी आखरी,
तुझ से ही शुरू मेरा हर सफ़र होगा..!
तू मेरी इबादत, तू मेरी चाहत, तू मेरी आरज़ू होगी आखरी,
तू ही मेरी कलम का आखरी अल्फाज़ होगा...!!
# कमलकांत घिरी...✍️