ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन
जिसमें शरारते बड़ी प्यारी थी मेरी,
वो मेरी कागज़ की कश्ती,
वो मेरी गुड़ियां, जो मां ने मेरे लिए बनाई थी ।
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन.....
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन
जिसमें मैं मां-पापा की गोद में खेला करती थी,
वो महल,वो घर जिसमें मेरे भाईयों की यादें थी,
जिसमें मैं अपने भाईयों को महसूस कर सकती थी।
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन......
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन
जिसमें कहते हैं
मैं दो चोटी वाली छोटी सी,प्यारी सी परी थी,
वो मेरा घर, वो मेरी गली जिसमें मैं दौड़ लगाया करती थी।
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन.....
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन
जिसमें मां-पापा के साथ मैं सोया करती थी,
वो घर जिसमें पापा और हमारा बचपन गुज़रा था,
जिसमें मां दुल्हन बनकर आई थी।
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन...
----रीना कुमारी प्रजापत