New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन

ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन
जिसमें शरारते बड़ी प्यारी थी मेरी,
वो मेरी कागज़ की कश्ती,
वो मेरी गुड़ियां, जो मां ने मेरे लिए बनाई थी ।
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन.....

ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन
जिसमें मैं मां-पापा की गोद में खेला करती थी,
वो महल,वो घर जिसमें मेरे भाईयों की यादें थी,
जिसमें मैं अपने भाईयों को महसूस कर सकती थी।
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन......

ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन
जिसमें कहते हैं
मैं दो चोटी वाली छोटी सी,प्यारी सी परी थी,
वो मेरा घर, वो मेरी गली जिसमें मैं दौड़ लगाया करती थी।
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन.....

ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन
जिसमें मां-पापा के साथ मैं सोया करती थी,
वो घर जिसमें पापा और हमारा बचपन गुज़रा था,
जिसमें मां दुल्हन बनकर आई थी।
ऐ ख़ुदा लौटा दे मुझे मेरा वो बचपन...

----रीना कुमारी प्रजापत




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

अनुष्का सिंह said

बचपन बहुत खूब लिखा , अभी भी याद आता है सबसे ज्यादा वही याद आता है है मेरा बचपन

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया

अनुष्का सिंह said

बचपन बहुत खूब लिखा , अभी भी याद आता है सबसे ज्यादा वही याद आता है haay मेरा बचपन

फ़िज़ा said

आदाब रीना जी, बहुत प्यारी मासूम सी भावनाओं से भरी हुयी कविता लिखकर लायी हैं 'बचपन' की यादों पर सबकी यादें ताजा होजाएंगी

रीना कुमारी प्रजापत replied

आदाब आपा बहुत बहुत शुक्रिया आपका

Lekhram Yadav said

बचपन की यादें सुखद हों तो जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है और यदि दुखद हों तो कष्ट देती हैं। लेकिन बचपन तो बचपन है उसमें हरेक याद अपना महत्व रखती है।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks

Amit Shrivastav said

Bahut Achha Mahaul Hai aaj to - Bachpan bhi yaad dila diya waakyi bahut khoob likha taaliyan hojaye aapki is sundar rachna ke liye.

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका अमित जी

ताज मोहम्मद said

बहुत खूब। बहुत ही उम्दा। बचपन याद आ गया।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया ताज साहब

वेदव्यास मिश्र said

पूरा बचपन निखर कर आ गया है आपकी कविता में 👌👌 दो चोटी, गुड़िया...वो कागज की नाव 💖💖

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी भाईसाहब बहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏🙏एक एक लफ्ज़ सच है बहुत याद आता है वो घर वो बचपन

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन