आज होली है
थोड़ा रंग मेरे लिए भी भेज देना,
दूर से ही सही
आप मुझे भी थोड़ा रंग लगा देना।
मैंने कभी होली खेली नहीं,
होली के रंगों के मायने भी मुझे मालूम नहीं।
पर लगता है इन रंगों में बड़ा सुकून है,
दर्द में भी खुशी का ज़ुनून है।
इंतज़ार में हूँ उस दिन के,
जिस दिन मैं भी होली खेलूंगी।
इन रंगों को तन पर लगा,
सुकून महसूस करूंगी।
वो होली बड़ी यादगार होली होगी ,
जिस होली आप मुझे रंग लगाने आयेंगे।
और तब ये रंग,
और भी गहरे रंगीन हो जाएंगे।
हर होली किसी का इंतज़ार रहता है,
और वो भी बेवजह रहता है।
हक़ीक़त तो ये है कि कोई है नहीं
जो मुझे रंग लगाए,
बस ये दिल ऐसे ही ख़ामोशी से
किसी को बुलाता रहता है।
🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️