आसमाँ के तले धरा में कितने रंग भरे
वोही उसे पाले वोही ही उसे तारे
आंधी भी आएं अंधेरा भी मारे
आसमाँ के तले धरा में कितने रंग भरे
सरिता, सागर पहाड़, प्रकृति
सौम्य सुंदरता हरियाली हर तरफ रहे
करोड़ों जीव उसी में तो पले
आसमाँ के तले धरा में कितने रंग भरे
दूर तलक कुछ है ऐसा लागे
फिर कल्पनामें मन बेहद भागे
नज़र रूकती नहीं पागल सी लगे
आसमाँ के तले धरा में कितने रंग भरे
आना जाना बसेरा कहां ? कौन जाने
विशाल अंबर की महिमा का गुण गाएं
गरीमा अंबर,धरा की लफ़्ज़ोंमें न समाएं
आसमाँ के तले धरा में कितने रंग भरे

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




