💐पार्श्व गायक उदित नारायण जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं💐🙏🙏
उदित नारायण जी एक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायक हैं, आवाज़ ऐसी कि जो भी सुने उनके गीतों में एक पल के लिए खुद को भी खो जाए, ऐसा जादू है आवाज़ में कि सुनते ही एक अलग ही सुकून महसूस होने लगता है,
एक ऐसी आवाज़, एक ऐसी शख़्सियत जिसका हर कोई दीवाना है। लाखों करोड़ों दिलों पर राज़ करने वाली आवाज़ को, हस्ती को जन्मदिन की बहुत - बहुत शुभकामनाएं।
उदित नारायण जी का जन्म 1 दिसंबर 1955 को बिहार, भारत में हुआ था। शास्त्रीय संगीत सीखने के लिए मुंबई जाने से पहले उन्होंने रेडियो नेपाल से अपना करियर शुरू किया था। उन्हें 1988 में फ़िल्म क़यामत से क़यामत तक के गीत "अकेले हैं तो क्या गम है" से सफलता मिली । उदित नारायण जी ने 36 भाषाओं में 25,000 से ज़्यादा गाने गाए हैं और तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और पाँच फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों सहित कई पुरस्कार जीते हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:-
जन्म बिहार के सुपौल जिले के बैसी गांव में अपने नाना-नानी के घर पर हुआ। उनके पिता एक नेपाली किसान थे और उनकी माँ एक भारतीय लोक गायिका थीं।
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बिहार में पूरी की और नेपाल के काठमांडू में रत्न राज्य लक्ष्मी परिसर से इंटरमीडिएट की डिग्री प्राप्त की।
अपने प्रारंभिक कैरियर में उन्होंने 1970 के दशक के प्रारंभ में रेडियो नेपाल में एक स्टाफ कलाकार के रूप में अपना संगीत कैरियर शुरू किया, जहां उन्होंने मैथिली, नेपाली और भोजपुरी में लोकगीत गाए।
उन्होंने अपना पहला हिन्दी गाना मोहम्मद रफी के साथ गाया। उनका पहला हिंदी फिल्म गीत 1980 की फिल्म
"उन्नीस - बीस" का "मिल गया मिल गया" था ।
फिल्म कयामत से कयामत तक (1988) उनकी सफलता थी, जिसका गाना "अकेले हैं तो क्या गम है" एक बड़ा हिट बन गया।
व्यक्तिगत जीवन विवाह:-
उन्होंने 1984 में रंजना झा से विवाह किया, उसके बाद 1985 में दीपा गहतराज से विवाह किया।
बच्चे: उनका एक बेटा आदित्य नारायण है, जो एक पार्श्व गायक भी है।
पुरस्कार:-
2009 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया और 2016 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार:- तीन जीतें
सन् 2001 में "मितवा", "जाने क्यों लोग" गीतों के लिए,
सन् 2002 में"जिंदगी खूबसूरत है" गीत के लिए और सन् 2004 में "ये तारा वो तारा" गीत के लिए।
फिल्मफेयर पुरस्कार:- पाॅंच जीतें
"पापा कहते हैं", "मेहंदी लगा के रखना", "परदेसी परदेसी", "चाँद छुपा बादल में", "मितवा" गीतों के लिए।
Post By
Admin Reena Kumari Prajapat


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