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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद की ग़ज़ल - फूलों से जो न पा सका वो काॅंटों से मिला है

"ग़ज़ल"

फूलों से जो न पा सका वो काॅंटों से मिला है!
इस दिल में जो ख़लिश है मोहब्बत का सिला है!!

उन दोनों के है दरमियाॅं संग-दिल ये ज़माना!
इधर मजनूॅं की झोपड़ी उधर लैला का क़िला है!!

रेगिस्तान को सींचा है मैं ने अपने लहू से!
तपते हुए सहरा में देखो फूल खिला है!!

मेरी फ़रियाद से फट गया पत्थर का कलेजा!
मेरी आहों से रब-उल-इज़्ज़त का अर्श हिला है!!

रहे 'परवेज़' की दुआ से सितमगर तू सलामत!
अब तुम से कोई शिकवा है मुझे और न गिला है!!

- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (12)

+

शिवचरण दास said

दुनियां से मिला ना जो वो खुदा से मिला है
कांटों का आलम परवेज फूलों सा लगा है

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

दर्द, संघर्ष और मोहब्बत की मीठी कड़वी अनुभवों को आपने अपनी ग़ज़ल में,मणिमाला की तरह सजाया है, क्या बात, बहुत ही सुन्दर, लाजवाब 👌🙏🙏🙏🙏🙏 सादर वंदन अभिनंदन 🙏

सरिता पाठक said

Rhe परवेज की दुआ से सितमगर तू सलामत, अब तुमसे कोई शिकवा न गिला है, वाह बहुत खूबसूरत ग़ज़ल, हर अल्फाज़ शानदार 👌👌आदरणीय परवेज़ भईया जी को आदाब 🙏🙏

वन्दना सूद said

वाह वाह sir बहुत खूब 👏👏👌👌

ललित दाधीच said

"उन दोनों के है दरमियाॅं संग-दिल ये ज़माना!" बहुत उम्दा पंक्ति, गज़ब ग़ज़ल, बहुत खूब, ❤️❤️👌👌👌🔥🔥🌹🌹❤❤✍️✍️🔥🔥🎉🎉🏆🏆💐💐🎯

उपदेश कुमार शाक्यावार said

लाजवाब 🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

कलाम की ता'रीफ़ में कलाम!
आपको 'परवेज़' का दिल से सलाम!! आदाब, दास जी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

इतनी ख़ूबसूरत समीक्षा और प्रशंसा के अनमोल अल्फ़ाज़ के लिए बहुत-बहुत आभार और इनायत आपकी! तह-ए-दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, मनोज जी! आदाब! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

आभार! दिल की गहराइयों से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, सरिता जी! बहुत-बहुत नवाज़िश और इनायत आपकी! आदाब! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

बहुत-बहुत आभार आपका! दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका, वन्दना जी! मेहरबानी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

बहुत-बहुत इनायत और नवाज़िश आपकी, ललित जी! तह-ए-दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका! आदाब! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका, उपदेश जी! बहुत-बहुत आभार और इनायत आपकी! ❤️🙏

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