तेरा चेहरा आँखों में अब भी जिंदा है,
वो आखिरी पल दिल में बसा हुआ है।
वो बातें, वो हंसी, वो तेरा साया,
अब सिर्फ यादों में खोया हुआ है।
साथ चलने की चाहत थी, फिर भी दूर हो गए,
कहीं न कहीं दिल में तू रुका हुआ है।
वो अलविदा की घड़ी, बेमानी सी थी,
लेकिन वो लम्हा अब भी तुझे ढूंढा हुआ है।
हम अलग हो गए, पर दिलों का रिश्ता,
अब भी जैसे तेरे पास रुकता हुआ है।
आखिरी मुलाकात अब एक ख्वाब है,
जिसे मैं हर पल अपने अंदर जीता हुआ हूँ।