तुम वो चाँद हो
तुम वो चाँद हो, जिसके नूर से मेरा होश गुम हैं
तुम वो चाँद हो, जो दूर होके भी पास हो
तुम वो चाँद हो, जिसके साये में ये दिल है
तुम वो चाँद हो, जिसे चूमने का जी तो करता है
पर बहुत दूर हो...
तुम मासूम हो, नादान हो, मेरे इश्क की पहचान हो
तुम दिल हो, दिमाग़ हो,मेरी खयालात हो
तुमसे हैं मेरे सारे नाते, तुम दुआ भी हो, दवा भी हो
ये हर लम्हा तुमसे जुड़ा है;
तुम जितना एहसास हो, उतना ख़ास हो
तुम मेरे दर्दों ओ गम के तूफानों में, खुशबू बनकर
आती हो हर मोड़ पर,
तुम मेरी जीत में भी शमिल
और हार में भी शमिल,
रहती हो यूँ ही खोकर,
तुम्हारी चमक - दमक में, यूँ खोया -खोया -सा मैं
तुम्हारी जुल्फों के रंगों में, यूँ सोया -सोया -सा मैं
तुम वो चाँद हो, जिसके स्पर्श से बरसों की प्यास मिट जाती है
लबों की उदासी चली जाती है
यूँ नींद खुल जाती है
-मनोज कुमार यकता

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




