आज फिर अकेला सा मन चंचल,
....फीकी सी स्याही से लिख ना पाया,
क्या है जो कुछ खाली खाली,
....खालीपन दिल का यह भर न पाया,
फ़िर उदास फ़िर यादों में गुम है,
....ना लगता मन तुम बिन मेरा,
लेकिन तुझ से कुछ कह ना पाया,
....आज फिर अकेला सा मन चंचल,
....आज फिर अकेला सा मन चंचल,
सर्वाधिकार अधीन है