आस्था मेरी क्या मेरे जैसों की बनाई गई।
धर्म और अधर्म में विशेष रुचि बढ़ाई गई।।
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य को जनरल का दर्जा।
आरक्षण से ओबीसी को औकात बताई गई।।
ओबीसी समझने लगे दर्द एससी एससी का।
एनजीओ के द्वारा जन चेतना फैलाई गई।।
शिक्षा के प्रसार से कहीँ सवाल न उठाने लगे।
धार्मिक कार्यो में उनसे मजदूरी करवाई गई।।
कुरीतियों में उलझाकर फंसाये रखना चाहते।
मन्दिर मस्जिद की उलझन 'उपदेश' बढ़ाई गई।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद