रास्ते बहुत बताए चाँद तारे नजर आए।
आसमाँ छूने के ख्याल में तरबतर बाई।।
सूरज को दर्पण बनाना चाहती रही वो।
उसे देखने की हिम्मत ही नही भर पाई।।
हवाओ के संग झूमने का एहसास सही।
बादलो की उड़ान से मात अक्सर खाई।।
हूर कहने वाले 'उपदेश' के सिवाय नही।
उन्ही के रहमोकरम से कोशिश भर पाई।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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