बिना कारण कोई पसन्द कैसे आये।
आकर्षण का केन्द्र दिल समझ पाये।।
प्यार दिल खोलकर दिखाया ही नही।
उससे ज्यादा महसूस सिलसिले पाये।।
तन्हाई अब भी है ख्वाहिशों के साथ।
शायद उधर भी मगर कुछ कह न पाये।।
उनकी भी कहानी मेरे जैसी 'उपदेश'।
शाम अच्छी काटी चाय भुला न पाये।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







