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कविता की खुँटी

                    

"ऑपरेशन सिंदूर"

May 07, 2025 | विषय चर्चा | Pallavi Srivastava  |  👁 52,972

"ऑपरेशन सिंदूर"

उजाड़ा था तुमने,
बेकसूर मांगों का सिंदूर..
अब हम उजाड़ेंगे तुम्हें,
करके ऑपरेशन सिंदूर।

पहलगाम के आंसू बोले,
अब हिसाब पूरा होगा,
हर आतंकी के घर में घुसकर,
इन्साफ जरूर होगा ।

सिंदूर बन गया अब क्रोध,
जो चुकता ऋण कर देगा,
पाकिस्तान की हर चाल को,
भारत ध्वस्त कर देगा ।

हमने हर वार सहा था,
पर अब वार जवाबी है,
ऑपरेशन सिंदूर बता देगा,
ये भारत नवाबी है।

तूने घर में वार किया,
हमने घर में घुसकर मारा,
यह नया भारत सुन ले दुश्मन,
ये तेरा दु:स्वप्न दुबारा ।

पहलगाम के अश्कों का,
हमने सिंदूर बनाया,
वीरों ने रणभूमि में,
आतंक को धूल चटाया ।

यह नया भारत है मेरा,
सहन नहीं अब करता,
जहां भी छुपा है आतंक,
वहीं प्रहार करता।

रचनाकार-पल्लवी श्रीवास्तव ममरखा, अरेराज.. पूर्वी चंपारण (बिहार )




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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Ankush Gupta said

पहलगाम के अश्कों का, हमने सिंदूर बनाया, वीरों ने रणभूमि में, आतंक को धूल चटाया । Bahut sundar panktiyan

Manju Sharma said

यह नया भारत है मेरा, सहन नहीं अब करता, जहां भी छुपा है आतंक, वहीं प्रहार करता 👌👌👏👏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob likha aapne Adarneey ekdam hind ki sena ki karywaahi jese..

Mohan Kumar said

वाह वाह बहुत सुंदर 👌👌

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना।👌👌

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