(बाल कविता)
मोबाइल है कहता
______________
मेरे दिल का टुकड़ा, मेरी आँखों का है तारा ।
मैं जो लाया हूंँ मोबाइल रंग बिरंगा प्यारा ।।
बात करुँगा मैं सबसे कोई रोक न पाएगा,
कार्टून जब देखूँगा भाई टोक न पाएगा,
बार-बार मम्मी के हाथों न जाऊँगा मारा ।
अपने मोबाइल से पढ़ना-लिखना सीखूँगा,
वन टू , थ्री , फोर की गणना करना सीखूँगा,
जोड़, घटाना, गुणा, भाग का काम करुँगा सारा ।
ट्रिन-ट्रिन करके फोन बजेगा सुंदर गीत चलेगा,
लोरी कविता और कहानी का उपहार मिलेगा,
झरनों का भी दृश्य दिखेगा नदियों की भी धारा ।
मम्मी-पापा मोबाइल में दिनभर चिपके रहते,
अच्छी चीज नहीं यह बेटा मुझसे केवल कहते,
पर मैं इसे बनाऊँगा जीवन का बड़ा सहारा ।
ज्ञान और विज्ञान सीख लूँगा मैं चलते-फिरते,
सारी खबरें पा जाऊँगा पल में पलक झपकते,
दुनिया मुठ्ठी में आएगी, है यह ज्ञान पिटारा ।
मित्र बनाओ या फिर दुश्मन ये खुद पर है निर्भर,
जैसा चाहो, वैसा सीखो, ये है अपने ऊपर,
जैसी जिसकी नीयत, उसने वैसा ही स्वीकारा ।
अच्छी बातों को तुम सीखो, मोबाइल है कहता,
नहीं बुराई जो अपनाता, सुखी वही है रहता,
अच्छी और बुरी, दोनों का इसमें है भंडारा।
कम देखो मोबाइल आँखें हरदम ठीक रहेंगी,
अधिक देखने से मेमोरी भी तो सदा घटेगी,
मतलब भर का देखूँगा, ना जाऊँगा फटकारा।
********
~राम नरेश उज्ज्वल
मुंशी खेड़ा, ट्रांसपोर्ट नगर, लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




