चलो चलते हैं शहर की तरफ़ चलना एक अंदाज़ से ज़रा
सर झुका आंखें सामने दाएं बाएं देखने में हरकत रखना
हर शहर में लुटेरे बहुत होगया है एक मुद्दत से अपने देश में
तमीज़ तहज़ीब अदब एहतराम उम्र दराज़ में भी अब न रहा
डिग्री की कदर है जो इल्म दान के पास दिखाने को नहीं है
ख़ामोश हो गया है इज़्ज़त दार लोग अपने अपने समाज में
वसी अहमद क़ादरी ! वसी अहमद अंसारी!
मुफक्किर ए कायनात ! मुफक्किर ए मखलुकात
लेखक ! मुसन्निफ़ ! पोशीदा शायर ! 18.11.25

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




