अभिमान और स्वाभिमान कच्चे धागे की रेखा में बटा है 😊
इसलिए विवेक और बुद्धि के तालमेल को इस तरह निभाना ✍️
कि अपने किरदार में अभिमान को कभी जगह न लेने देना😊
और स्वाभिमान कभी तुम्हारा खोने न पाए ,यह निश्चित कर लेना ✍️
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है