मैं खून से नही दर्द से किताब लिखता हूं
मैं इश्क नहीं इंकलाब लिखता हूं
जो चुप है सहते हैं कुछ कह नहीं पाते
मैं उनके सीने की दबी आग लिखता हूं
ना चांद की बातें ना महबूब की यादें
मैं भूख में कटती हर रात लिखता हूं
जिस मां ने बेटे को सरहद पे खोया
मैं उसकी आंखों की बरसात लिखता हूं
जो बच्चे किताबो से दूर है अब तक
मैं उनकी सपनो की छोटी शुरुआत लिखता हूं
ना शेरो शायरी ना झूठे फसाने
मैं सच के कड़वे अल्फाज लिखता हूं
ना मंदिर ना मस्जिद ना जातो के झगड़े
मैं सबको जोड़ता एक ख्वाब लिखता हूं
मेरी कलम में सियासत की मक्कारी नही है
मैं सच को सच और गुनहगार को गुनहगार लिखता हूं
मेरे लफ्जो में इश्क की नरमी नही है
मैं तलवार से भी ज्यादा धारदार लिखता हूं
मैं आशिक नही मैं बागी हूं साहब
मैं इश्क नहीं इंकलाब लिखता हूं

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




