सावन बरसाता रहा मुझ को
मैं तरसती रही साजन तुझ को
बादल बरसा रिमझिम रिमझिम....
बागों में सजनी, अपने साजन से मिली
आंबुआ में कोयल बोली;
अब के बरस तेरी भी डोली;
सजना के आंगन को चली
संदेशा न कोई भी आया परदेस से
सावन भी बरस कर लौट गया
वादा भी कर गया,
लौट कर आने को
सावन बरसाता रहा मुझ को
मैं तरसती रही साजन तुझ को....
—अनीता

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




