हे भगवान !
तेरा गान
सुबहों-शाम
कूक ही कूक। 1
हे राम !
तेरा नाम
भक्ति जाम
घूंट ही घूंट। 2
हे भोले !
वर्षा ओले
चर्चा डोले
वृष्ट ही वृष्ट। 3
हे नारायण !
तेरे परायण
संत तरायण
कूट ही कूट। 4
हे भण्डारी !
नर और नारी
श्रृद्धा भारी
दृष्ट ही दृष्ट। 5
हे कृष्णा !
तेरी तृष्णा
चाहे रिसना
मूर्त ही मूर्त। 6
हे ईश्वर !
सुनो जगदीश्वर
पुकारे नश्वर
श्रुत ही श्रुत। 7
हे मुरारी !
शरण तिहारी
मैं बलिहारी
घृत ही घृत। 8
हे जगन्नाथ !
चरणों माथ
सिर तेरा हाथ
सुख ही सुख। 9
_______मनीषा सिंह