आज तुम कुछ ना कहो
बस सामने बैठे रहो
गले में हाथ डाले
यों ही गर्दन चूमते रहो
इच्छा नही मगर हो जायेगी
सुर-सुरी करते रहो
इस लम्हा को जीने दो
थोड़ा प्यार करते रहो
गर्मी-ए-ज़ज्बात लिए
धीरे-धीरे चलते रहो
जिन्दगी खुशनुमा 'उपदेश'
बस हरकते करते रहो
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद