हमारी कलम और हमारे शब्द
हमारी कलम और शब्दों का सफ़र कुछ यूँ चला
कि स्कूल से कॉलेज तक रुका ही नहीं
सोहनी महिवाल, हीर रांझा जैसा चित्रण
हमारी नज़्मों में नज़र आता था
दादी नानी से सफ़ेद घोड़े वाले राजकुमार की कहानी तो कभी नहीं सुनी थी
फिर भी उस उम्र में ऐसे ख़्वाब बुनने कहाँ मना थे
सफ़ेद घोड़ा तो आता नहीं दिखा,पर एक दिन राजकुमार आकर ले गया
विवाह के बन्धन से ऐसे बँधे
कि हमारी कलम और शब्द हवा में विचरण करते दिखते थे
और हम सांस बहु की साज़िश,देवरानी जेठानी की नौक झोंक में उलझ कर रह गए
उस जंग से आज़ाद होते ही एक बार फिर वही कलम हाथ आ गई पर शब्द बदल गए
क्योंकि प्रेम रस के भाव को ज़िन्दगी के तजुर्बों ने बदल दिया
और जो छूट ही गया था उसे छोड़ आगे ही चलना चुन लिया ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







