मेरे हिस्से में क्या आया
कुछ बंदरों ने खाया
कुछ कौओं ने खाया
कुछ गाड़ी वालों ने खाया
कुछ आढ़तियों ने मिलकर
फड़ी वालों से फायदा कमाया
मेरे हिस्से में क्या आया
नकली थी खादें या असली
मुझे किसने बताया
दवाइयां बेचने वालें ने जो
बताया वही मैंने माथे लगाया
सूखती फसलों, मोटी होती
सुंडियों देख मन में आया
मेरे हिस्से में क्या आया
जंगली जानवरों के आतंक
से होकर परेशान मन में आया
चुन चुन के मार दू, करू सफाया
मगर फिर पाया उनके पीछे
चलता सरकार का साया
दिल भर आया, कोई नहीं मेरा
दिल मेरा दर्द से भर आया
मेरे हिस्से में क्या आया