(कविता ) (प्यार में....)
प्यार में कभी छुपना कभी दिखना
ये ताे चलता ही है
प्यार में न पढना न लिखना
ये ताे चलता ही है
प्यार में कभी हंसना कभी राेना
ये ताे चलता ही है
प्यार में कभी पास हाेना कभी दूर हाेना
ये ताे चलता ही है
प्यार में कभी रुठना कभी मनाना
ये ताे चलता ही है
प्यार में कभी तडपना कभी मिलना
ये ताे चलता ही है
प्यार में कभी मीठी बात कभी कडवी बात
ये ताे चलता ही है
प्यार में कभी साथ कभी विस्वास घात
ये ताे चलता ही है
प्यार में कभी जुट जाना कभी छुट जाना
ये ताे चलता ही है
प्यार में कभी जीना कभी मरना
ये ताे चलता ही है
इसी लिए दाेस्ताें जरा डरना
प्यार सोच समझ कर ही करना
प्यार सोच समझ कर ही करना.......