ज़िंदगी कहती है
तू हार बहुत जल्दी मान लेता है पगले,
कोशिशें करना ना छोड़ा कर।
माना कि तू हार रहा बार-बार,
लेकिन कोशिश कर हीरा तू भी बनेगा
यूं ना रूक तू पगले ,
इस नाले से भी समंदर निकलेगा।
ज़िंदगी कहती है बार-बार तुझे हरा कर
दुःखी करना मकसद नहीं मेरा,
बार-बार तुझे हरा कर
कोहिनूर सा बनाने का इरादा है मेरा।
यूं ना दुःखी हो साथ मैं हूॅं,
कोशिश कर सितारा इस दुनियां का तू भी बनेगा।
ज़िंदगी कहती है गुलाब सी महक है तुझमें,
तेरे नज़दीक कांटे हुए तो क्या हुआ
गुलाब सी मोहब्बत ये जहां तुझसे भी करेगा।
यूं ना उदास रहा कर,
हमेशा मुस्कुराहट अपने चेहरे पर रख और कोशिश कर
एक दिन ये जहां भी तेरे कदमों में होगा।
ज़िंदगी कहती है कि लोग कहते हैं जो चाहो वो
इस जहां में मिलता नहीं किसी को,
लेकिन कोशिश तो कर जो तू चाहता है उससे भी
बेहतर तुझे मिलेगा।
----रीना कुमारी प्रजापत