हर मानव है एक योद्धा,
समरभूमि उसका जीवन,
प्रतिदिन लड़ता वह युद्ध,
स्व कर्म का करता पालन।
घृणा, लोभ, पाप व मोह,
इत्यादि हैं उसके दुश्मन,
अदृश्य हो करते हैं प्रहार,
सुख, चैन का करते हरण।
अपने पाश में बाँध कर,
छलनी कर देते तन-मन,
दुर्भावना के अमोघ अस्त्र,
सद्भावना का करते शमन।
गरीबी, भुखमरी हैं श्राप,
कठिन कर दिया जीवन,
इनसे भी पीड़ा दायक है,
जीवन चरित्र का हनन।
संयम, धैर्य और निष्ठा,
इनसे ही होगा परिवर्तन,
आशा, साहस के बल से,
इन शत्रुओं का होगा दमन।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




