ये झील सी नीली आँखें
ये मरमरी सी बदन
लगता है जैसे कोई
खिलता कंवल।
ये दिल तेरे हीं सपनों का
ताबीर करता है।
है ये तवक्को मुझको
तेरा दिल भी मेरा दीदार
करता है।
है ये हुस्न ए इनायत
करम मुझपे ।
की तेरा दिल भी मुझपे
ऐतबार करता है।
तेरा दिल भी
मेरे दिल पे मरता है।
वस्ल की बात पर
ऐ मेरी रहगुज़र
मेरा दिल भी बावस्ता है।
ये इत्तेफ़ाक़ नहीं है
ना हीं कोई मज़ाक है
ये दिल शिद्दत से तुझे
प्यार करता है।
ये दिल सिर्फ़ तुझी पे मरता है
तेरे लिए हां सिर्फ़ तेरे लिए हीं
ये पल पल आहें भरता है
ये दिल हां ये दिल तुझपे मरता है...
ये दिल हां ये दिल सिर्फ़ तुझी पे मरता है...