झिलमिलाती रोशनी पानी में देखकर।
याद तेरी आये लहराती घास देखकर।।
जब शाख कोई हाथ लगाते झुक जाए।
याद तेरी आये लचकती डाली देखकर।।
खुशबू से महकती हुई हवा टकरा रही।
याद तेरी आये 'उपदेश' चमक देखकर।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद
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खुशबू से महकती हुई हवा टकरा रही।
याद तेरी आये 'उपदेश' चमक देखकर।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद