वो और हम
कभी सोचा ना था
कि ज़िन्दगी इतनी आसान भी हो सकती है
आज बंजारों की बस्ती से गुज़रे,
तो मन ने कहा
कि जीना इतना मुश्किल भी नहीं,
जितना तुम सोचते हो।
क्या मस्त जीवन है उनका!
किसी से न कोई उम्मीद ,न परवाह किसी की।
आसमां को छत बना,बिंदास सोते हैं,
कौन,क्या,क्यों,कैसे-इन शब्दों से बेफ़िकर रहते हैं।
खाना पीना और खूब झूमना-बस यही जीवन है उनका,
कैसे कमाना है, इससे कोई मतलब नहीं जिनका।
शायद’कल’उनके जीवन में कभी आता ही नहीं है,
वो आज में जीते हैं,इसलिए हमेशा खुश रहते हैं।
हम अक्सर अपने’कल’के लिए जीते हैं,
इसलिए अपने’आज’के खूबसूरत पलों को भी बस यादों के हवाले कर देते हैं।
फिर कहते हैं
कि जीवन जीना आसान नहीं है ..
वन्दना सूद
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