वक्त किसी की दोस्ती का इंतजार नहीं करता है,
वक्त कभी किसी का भी इंतजार नहीं करता है ।
वक्त प्राणी का मात्र एक बार दरवाजा खटखटाता है ,
फिर मुड़कर नहीं देखता और चलता है चला जाता है।
वक्त की एहमियत देखते हुए जो आगे बढ़ जाता है,
वही जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ जाता है।
वक्त को अनदेखा कर जो निज कर्तव्य से भटकता है,
वक्त उसे साथ लेकर चलने का प्रयास नहीं करता है।
जमाने की बेरुखी छोड़ जो वक्त के साथ चलता है ,
उसका वक्त बदलता वक्त उसके के साथ चलता है।
---- बीपी सिंह यादव