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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

कवि बन जाता है

इंसान की तन्हाई हद से ज़्यादा बढ़ जाए तो
वह कवि बन जाता है,
इंसान की ख़्वाहिशें मर जाए तो
वह कवि बन जाता है।

जब उसकी ज़िंदगी में गमों का सैलाब आ जाए तो
वह कवि बन जाता है,
जब उसे किसी की यादें दिन-रात सताए तो
वह कवि बन जाता है।

जब इंसान को अपने ही पराए बना दे तो
वह कवि बन जाता है,
जब इंसान को अपनों से भी ज़्यादा प्यार परायों से
मिले तो वह कवि बन जाता है।

दोस्त भी जब उसके दुश्मन बन जाए तो
वह कवि बन जाता है,
जब इंसान हर किसी से धोखा खाए तो
वह कवि बन जाता है।

जब इंसान को प्यार हो जाता है तो
वह कवि बन जाता है,
जब उसे उसका प्यार दग़ा दे जाता है तो
वह कवि बन जाता है।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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कमलकांत घिरी said

बहुत ही सत्य लिखा दीदी जी एक दम सही, इस रचना का कोई जवाब नहीं एक बार फिर दिल जीत लिया आपने बहुत बेहतरीन👌👌👏👏🙏🙏🫡

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku so much bhai🙏hum dil hi to jitna chahate hai

Lekhram Yadav said

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना, आपने जो कहा बिल्कुल सही कहा मगर जब गमों की कोई सीमा न हो तो अपने आप ही शायरी दिल से निकल कर लबों के तार झनझनाने लगती है और कवि बनने के लिए किसी पाठशाला या ट्यूशन की जरूरत नहीं होती। अब आप इसे कवि बनना कहें या दर्द भरी शायरी। आपको इतनी सुन्दर रचना के लिए सादर प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बिल्कुल सही कहा आपने कवि बनने के लिए किसी पाठशाला या ट्यूशन की जरूरत नहीं होती है, जब इंसान के साथ ये सब होता है तो अपने आप शायरी निकलनी शुरू हो जाती है मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी कविताएं,ग़ज़लें लिखूंगी पर मेरे गमों ने मुझे कब एक कवयित्री बना दिया मुझे पता ही नहीं चला🙏। बहुत बहुत आभार आपका

वन्दना सूद said

सही लिखा आपने 👏👏ज़िन्दगी के अलग अलग पल ही भावुक बना कर कवि बना देते हैं

रीना कुमारी प्रजापत replied

बिल्कुल शुक्रिया

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