फाल्गुन आया रंग लिए, बसंत की छवि सुहानी,
कोयल गाए गीत मधुर, छाई खुशियों की रानी।
होली के रंगों की खुशबू, मन में उमंग जगाए,
सजती गली-गली में टोली, प्रेम के रंग बरसाए।
फूलों से महके उपवन, मदमस्त चले बयार,
पीली सरसों मुस्काए, धरती का अनुपम हार।
ढोल-नगाड़े गूंज उठे, थिरके मन मतवाला,
राधा संग कृष्ण की होली, रंग दे हर एक आला।
फाल्गुन में यह प्रेम अनोखा, हर दिल को भाए,
हर घर-आंगन में उमंग, आनंद की गंगा बहाए।