उस नन्ही चिड़िया से जाना,
पर खुलना कैसा लगता है,
पर खुलने पर एक अचानक,
नभ उड़ना कैसा लगता है,
मृदु कोमल सी वाणी में ,
ची ची करना कैसा लगता है,
उस चिड़िया से सीख रहा हूँ,
नित प्रति दिन हिम शिखरों पर चढ़ना,
हवा में बहना बहते रहना - बहते रहना,
और कभी उसका मन हो तो,
लेजाती है मुझको सागर,
अलग दृश्य दिखलाती है वो,
कभी विशाल लहरों के ऊपर,
कभी अनंत सागर के अंदर
उड़ उड़ कर दिखलाती है वो,
मधुर मनोरम सुन्दर दृश्यम,
तरह तरह के कौतूहल कर,
मुझको पाठ पढ़ाती है वो,
'या' मुझको पथ बतलाती है वो
उस नन्ही चिड़िया से जाना,
पर खुलना कैसा लगता है,
पर खुलने पर एक अचानक,
नभ उड़ना कैसा लगता है
----अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र'
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




