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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

आपकी नज़्म

आपकी नज़्म पढ़ मेरे चेहरे पे मुस्कान आ गई है,
पढ़ आपकी ग़ज़ल जान में जान आ गई है।
सुबह-सुबह आज बहुत कुछ हो गया साथ मेरे,
उस ग़म को भुलाने में आपकी ये नज़्म मेरे
काम आ गई है।

कहा था मैंने उनसे ऐसा कुछ लिखने को
पर उन्होंने बहुत देर कर दी,
इंतज़ार की सीमा भी अब मेरी ख़त्म होने लगी थी।
अब हालत हद से ज़्यादा बिगड़ने लगी थी मेरी,
तो मैंने कुछ दिनों पहले लिखी आपकी नज़्म
फिर से पढ़ ली।

🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

श्रेयसी said

Reena ji bataayen please kya hua hai aap thik hai na .Maine ek baar pucha bhi tha ki aap bimaar hai kya aapne kuch bataaya nahi . Dekhiye waqt har bimaari ka ilaaj hai .🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji hum thik hai ab

Updesh Kumar Shakyawar said

उस ग़म को भुलाने में आपकी ये नज़्म मेरे काम आ गई है...अति उत्तम...सरल भाषा का प्रयोग

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद आपका

Lekhram Yadav said

सारी मेरी प्यारी बहना, मेरे करने और चाहने कुछ नहीं होता, उपरवाला जो चाहता है वही होता है। मैं आपसे क्षमा चाहता हूं मैं आपके लिए गजल नहीं लिख पाया। जब आपका आग्रह मिला तब मैं गाजियाबाद में किसी जरूरी काम से गया हुआ था, उसके बाद मैं अपने प्रकाशक से मिलने दिल्ली उसके दफ्तर में गया लगभग 12 बजे और अपना मोबाइल वहीं पर भूल गया, जब गुड़गांव पहुचा तब फोन चैक किया तब तक दो बज गए। मैने अपने ड्राइवर को तुरन्त भेजा जो सांय साढ़े सात बजे वापस आया, अब आप अन्दाजा लगा सकते हैं मैं क्यों आपके लिए कविता नहीं लिख पाया। कल मैं अवश्य आपके लिए एक गजल लिखूंगा। आपको जो दुख हुआ उसके लिए मुझे खेद है। आपको सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत replied

😊😊🙏🙏

कमलकांत घिरी said

वाह वाह बहुत खूब रीना दीदी🫶👌और हां यादव सर की मजबूरियों पर थोड़ा प्रकाश डालिए😄😊

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji 😊😊🙏

कमलकांत घिरी said

प्रणाम नमस्कार 🙏🙏💐

रीना कुमारी प्रजापत replied

💐💐😊

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