तुम कहीं फूली मैं कहीं फूला
तुम कहीं फली मैं कहीं फला
मेरी और तुमारी ये फूलना
और फलना एक ही है
हमारी मैं किसी का हुआ तुम किसी की हुई
मैं कहीं रोया तुम कहीं रोई
मेरी और तुमारी
ये रोदन एक ही है
हमारी मैं कहीं जा मिला
तुम कहीं जा मिली
मैं कहीं जला तुम कहीं जली
मेरी और तुमारी
ये जलन एक ही है
हमारी तुम कहीं जा लटकी
मैं कहीं जा लटका
तुमारा दिल मेरे लिए तड़पा
मेरा दिल तूमारे लिए तड़पा
मेरी और तुमारी
ये तड़प एक ही है
हमारी तुम कहीं फंसी हो
मैं कहीं फंसा हूं
मेरे सांस में तुम बसी हो
तुमारे सांस में मैं बसा हूं
मेरे सांस में तुम बसी हो
तुमारे सांस में मैं बसा हूं.......
----नेत्र प्रसाद गौतम