परम श्रद्धेय मनोज कुमार
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
मनोज कुमार, एक ऐसा नाम,
जिसने सिने जगत में देशप्रेम की अलख जगाई,
उनकी फिल्में, एक ऐसा माध्यम,
जिसने लोगों के दिलों में राष्ट्रशौर्य की भावना जगाई।
उनकी अदाकारी, एक ऐसा हुनर,
जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया,
उनकी फिल्में, एक ऐसा संदेश,
जिसने लोगों को देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया।
मनोज कुमार, एक ऐसा व्यक्तित्व,
जिसने सिने जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई,
उनकी फिल्में, एक ऐसा विरासत,
जिसने लोगों के दिलों में उनकी यादों को अमिट बना दिया।
आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं,
लेकिन उनकी फिल्में, एक ऐसा माध्यम,
जिसने उनकी यादों को जीवंत रखा है,
और लोगों के दिलों में उनकी छवि सर्वदा अमिट रहेगी।
मनोज कुमार, एक ऐसा नाम,
जिसने सिने जगत में देशप्रेम की अलख जगाई,
उनकी फिल्में, एक ऐसा संदेश,
जिसने लोगों को देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया।
श्रद्धेय नमन, उनके आत्म से परमात्म के सफर पर,
एक ऐसा सफर, जिसने उन्हें अमर बना दिया,
उनकी फिल्में, एक ऐसा विरासत,
जिसने लोगों के दिलों में उनकी यादों को अमिट बना दिया।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




