हमने देखे हैं
जंगल भी, और ऊँचे पहाड़
जहाँ खड़े हैं असंख्य पेड़—
कुछ छोटे, कुछ बड़े, कुछ बेहद विशाल।
ठीक वैसे ही
इस दुनिया में होते हैं महापुरुष—
कुछ सामान्य, कुछ अद्भुत, कुछ महानतम।
उन सब में जो सबसे विराट है
वह मानो चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा हो—
मेरे हर पत्ते पर
ओपेनहाइमर की छवि झलकती है
हर पत्ता उसका
मानवता को देता है कोई महान सन्देश।
~ प्रतीक झा 'ओप्पी'
चन्दौली, उत्तर प्रदेश

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




