जीवन का आधार
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
सुबह सवेरे उठना, नियमित काम करना,
हर छोटे से कार्य में, मर्यादा को धरना।
ये नहीं है कोई बंधन, ना ही कोई जंजीर,
अनुशासन ही तो है, जीवन की सच्ची तकदीर।
जो इसे अपना ले, वो कभी ना फिसले,
हर राह आसान लगे, मंज़िल तक पहुँचे।
समय पर सोना-जागना, समय पर भोजन करना,
शरीर को स्वस्थ रखना, मन को भी शांत करना।
विद्यार्थी के लिए ये, कुंजी है सफलता की,
कर्मचारी के लिए ये, राह है उन्नति की।
एक सैनिक का जीवन, इसी पर आधारित,
बिना अनुशासन, हर युद्ध पराजित।
यह नींव है मजबूत, जिस पर खड़े होते हैं हम,
इसके बिना तो सब कुछ, हो जाता है कम।
यह सिखाता है संयम, देता है आत्मविश्वास,
जीवन के हर पड़ाव पर, इसका ही है वास।
जो इसे ना पहचाने, वो भटक जाए राह,
अनुशासन है जीवन का, सच्चा और अटल चाह।