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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

पेड़ तन्हा रह गया

एक पत्ता उड़ गया है हवा के साथ
पेड़ तन्हा रह गया है गुमसुम उदास

सिर्फ बंदगी से मिल जाएगी मंजिल
कर गया बेकार सबको यह रिवाज

हर सांस गुजरती है बस रुह से मेरी
कुछ पलों का रह गया हैं ये हिसाब

जितनी पीते हैं मगर बढ़ती जाती है
पल रही है जिस्म में कैसी ये प्यास

वक्त की है पुकार बदलो नजरिया
मन की खिड़की खोल आए उजास

सदियों से बहती नदी बैचेन हैं बहुत
कहांपे गुम तट इसे जिसकी तलाश

कितना बदले हैं मौसम के यहां तेवर
खिलते नहीं जल्द अब मन के पलास

मुस्कान हो गई है "दास"अजनबी सी
अब वेदना में गुम है जुबां की मिठास




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वेदना मे गुम है जुबां की मिठास।वाह,दिल को छू लेने वाली पंक्ति।केवल बंदगी से ही मंजिल नहीं मिल सकती सर जी,मन की खिड़की खोलनी जरूरी है। सुंदर रचना, बधाई।

शिवचरण दास replied

बहुत बहुत आभार आपका

पवन कुमार "क्षितिज" said

बहुत ही बढ़िया जी 👌

शिवचरण दास replied

अभिवादन आभार

श्रेयसी said

वाह बहुत सुंदर रचना सादर प्रणाम 🙏🙏

शिवचरण दास said

अभिवादन आभार श्रेयसी जी

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत गहरी और दिल को छू जाने वाली रचना है। जीवन की बेचैनी, बदलाव की पुकार और उस सुकून की तलाश बहुत खूबसूरती से बयां हुई है। हर पंक्ति में सोचने पर मजबूर कर देने वाला संदेश छुपा है - सुंदर रचना, बधाई सादर प्रणाम 🙏🙏 ।

शिवचरण दास replied

बहुत बहुत आभार अशोक जी नमस्कार

शिवचरण दास said

बहुत शुक्रिया बहुत इनायत अशोक जी

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