सुराही सामने हो और किसी को जाम ना मिले
कभी रिंदो की महफ़िल में यूं तकरार ना मिले
परिंदे उड़ते रहते हैं जिगर में फ़िक्र यह लेकर
मेरा तन्हा नन्हा है बच्चा बना शिकार ना मिले
मोहब्बत में मेरी नाकामियाँ हैं खेद के लायक
कभी भी उनसे अपने तो दिल के तार ना मिले
तुम्हारे वास्ते ए दोस्त किसी भी हद से गुजरेँगे
हमें मालूम हैं दुनियां में तुम सा प्यार ना मिले
ये दिल के झरोखे से झाँकता हैं मूक नजरों से
यहां पर कौन है ऐसा जिसे एक बार ना मिले
वो माँ की आँख में आंसू अभी भी याद आते हैं
यहाँ बसकर शहर में ममता के दीदार ना मिले
तुम्हें ए दास दुनियां में भला अब कौन पहचाने
भले दिन रफूचक्कर अब नया संसार ना मिले


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







