मोहब्बत टूटेगी कैसे तकरार में ऐंठ आती है।
ना रोया कर घड़ी घड़ी तबियत बैठ जाती है।।
नवाब की उल्टी गिनती शुरू इस ज़माने में।
समझ की रस्सी टूटने से नेकी रूठ जाती है।।
नकाब उलटने पलटने लगे हवा के रुख से।
नही चाहते हुए भी थरथराहट छूट जाती है।।
सियासत नफरत का ज़ख्म भरने नही देती।
बदनसीबी आकर 'उपदेश' मुँहाने बैठ जाती है।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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