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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

बारिश

बारिश तो लाती है
खुशहाली, उम्मीदें और सृजन..
गिरते ही ज़मीं से मांगती है
प्राणियों के लिए सौंधी महक..
फल, फूल और पत्तियों की शक्ल में,
क्षुधारत प्राणियों की बिलबिलाती
आंतों के लिए तृप्ति..
सर्वप्रथम सुप्त–कण अंगड़ाइयां लेते हुए
इधर उधर ताकता है..
और धरा का संदेश ग्रहण कर
अपना जीवन रस देने को
तलाशता है कोई बीज..
जाने कहां से अनगिनत
रंग अपनी कूचियों में भरकर
फूलों और पत्तियों में रचाता है,
और धरा को
पहना देता है हरियाली की
पोशाक..
मगर अब यही बारिश कुपित होकर
दे रही है,
इंसानों के अनवरत जुर्म की सजा..
अपनी बाहों में उठाएं लाती है
पहाड़ों से पत्थरों और मलबों का ढेर,
नागिन सी फुंफकारती मैदानों में
नदियां बेकाबू हो, बहाए ले जा रही है
आशियाने, ज़िंदगी और ढेरों उम्मीदें..
आख़िर कब तक सहन करे हम
इंसानों के अत्याचार, शोषण और
असीमित क्रूरताएं..
और हमारी इंसानियत देखिए
हम अब भी दोषारोपण कर रहे हैं
बादलों, पहाड़ों पर और नदियों पर..

पवन कुमार "क्षितिज"




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

इक़बाल सिंह “राशा“ said

पवन जी
बेहद मार्मिक और सशक्त अभिव्यक्ति!
आपने बारिश के जीवनदायिनी रूप और विनाशकारी क्रोध—दोनों पहलुओं को गहरी संवेदनशीलता से दर्शाया है। यह रचना सचमुच हमें आईना दिखाती है कि असली दोष प्रकृति का नहीं, बल्कि हमारे अपने कर्मों का है
शिक्षक दिवस की शुभ कामनाओं के साथ सादर प्रणाम

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