बम बस बम बोलो बम लहरी।
शिव शम्भू बोलो नारायण हरि ।
सबके दाता भाग्य विधाता
सम्पूर्ण सृष्टि है इनमें समता।
आज्ञा से हीं इनके सब होता है।
कोई पता है तो कोई खोता है।
कर्ण कलश के कर्णधर हैं ।
बहता सरोवर झरझर हैं।
युगों युगों के पहले से हीं
ब्रह्मांड के श्रीधर हैं।
शिव हीं गोपाल
शिव हीं गिरधर हैं।
शिव ही शक्ति मनोभाव अभिव्यक्ति।
शिव हीं वेद शिव हीं पुराण।
शिव हीं ज्ञान शिव हीं विज्ञान।
शिव हीं कर्ता शिव हीं हर्ता ।
विघ्नविनाशक जगत संचालक।
सम्पूर्ण सृष्टि के हैं संवाहक।
शिव हीं राह शिव हीं चाह।
शिव हीं गगन जल पावक समीरा
देते खुशी हरें सब पीड़ा।
शिव अनंत शिव हीं शुरू हैं ।
युगों युगों से शिव आज भी गुरु हैं..
शिव अंत शिव आज भी शुरू हैं।
शिव आज भी गुरु हैं...
शिव आज़ भी गुरु हैं.....