दो रोटी कम खाओ
पर पढ़ो ज़रूर।
कुछ करो या ना करो पर
पाठ का रिविजन करो ज़रूर।
क्योंकि है यह शिक्षा
यह मेमने को भी शेर बना देती है।
गुदड़ी के लाल को भी टाटा बिड़ला अंबानी
अडानी डालमिया बना देती है।
है यह शिक्षा यह सबकुछ सुधार देती है।
इसलिए कोई ये सोंचकर ना घबराए कि वह गरीब है, हालातों से बदनसीब है।
यारों....कुछ हो ना हो पर शिक्षा हो जिसके पास
वही तो सबसे अमीर है।
बाकि सब गरीब हैं ।
बीन शिक्षा सब बदनसीब हैं
जो ज़रा ध्यान से देख लेता जीवन की राहों को जहां सबकुछ बिखरी पड़ी हैं ।
यह तो आदमी की नियत का सवाल है
कि वह पाना क्या चाहता है..
सुख की दुःख
या दुःख का सुख
पर जहां शिक्षा है वहा सबकुछ संभव है।
क्योंकि शिक्षा असंभव को संभव
और नामुमकिन को मुमकिन बना देती है।
शिक्षा जिंदगी की सारी राहें खोल देती है।
वास्तव में यारों शिक्षा हीं जिंदगी को जिंदगी बनाती है।
शिक्षा हीं जिंदगी को जिंदगी बनाती है...
शिक्षा हीं जिंदगी को जिंदगी बनाती है..