कैसे समझाऊं तुझको बस बातें सोचती रहती हूँ,
क्या तू समझ पाएगा मुझे हर वक्त सोचती रहती हूँ,
गलती मुझमें है तो बताओ मुझे मैं मानूंगी बात आपकी,
गर मैं नासमझ हूँ तो समझाओ मुझे भी,
क्या मुझे तुमसे मिलके ही समझाना पड़ेगा....?
क्या तुम मेरी बातों से बिना मिले नहीं समझ पाओगे....?
दूर हो जाओ उन लोगों से,
जिसकी वजह से हमारी दूरियां बढ़ रही है,
लड़ जाओ उन लोगों से जिनसे हमारी खुशी मिट रही है,
मुझसे बात करो और समझो मुझे,
और न समझ आए तो...
हो जाना अकेले और सोचना मुझे,
क्या मैं दूर हो रही हूँ या आप खुद मुझसे दूर हो रहे हो..
मैं जल्द ही मिलूंगी आपसे और बताऊंगी क्या हो मेरे लिए...।।
- सुप्रिया साहू